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मैं हिंदी हूँ




 मैं हिंदी हूँ  (सोरठा)


मैं हिंदी अनमोल, प्रेम वाचन करता हूँ।

हिंदी अमृत घोल, जीवनी शक्ति जगत की।।


हिंदी पावन मीत, जगत की रचना करती।

लिखती मोहक गीत,रची बसी है विश्व में।।


हिंदी से ही प्रेम,किया करता मैं प्रति पल।

हिंदी योगक्षेम,वहन करती है नियमित।।


हिंदी पावन ग्रन्थ, रचा करती रहती है।

दिखलाती शिवपन्थ,अति कल्याणी सुखद यह।।


मेरे रग में हिन्द, हिन्दसागर भी मैं हूँ।

हिंदी  मैं हिंदी हूँ  (सोरठा)


मैं हिंदी अनमोल, प्रेम वाचन करता हूँ।

हिंदी अमृत घोल, जीवनी शक्ति जगत की।।


हिंदी पावन मीत, जगत की रचना करती।

लिखती मोहक गीत,रची बसी है विश्व में।।


हिंदी से ही प्रेम,किया करता मैं प्रति पल।

हिंदी योगक्षेम,वहन करती है नियमित।।


हिंदी पावन ग्रन्थ, रचा करती रहती है।

दिखलाती शिवपन्थ,अति कल्याणी सुखद यह।।


मेरे रग में हिन्द, हिन्दसागर भी मैं हूँ।

हिंदी शिवगोविंद, मिलती सबसे प्रेमवत।।


मुझको हिंदी जान, हिंदी रचनाकार मैं।

यह मेरी पहचान, हिंदी लिख कर जी रहा।।


हिंदी ही सम्मान, परम स्वर्गिक भाषा है।

कर हिंदी का ज्ञान,बनो सुंदर प्रिय मानव।।


हिंदी मेरी जान, बिना इसके मन सूना।

परम सुशील सुजान, यही करती है सब को।।


हिंदी पर है गर्व, यही उन्नत भाषा है।

समझो इसको पर्व, सहज मनाते नित चलो।।


संस्कृति दिव्य महान, हिंदी को ही जानना।

यह भाषा उत्थान, करती रहती आत्म का।।


बोलो हिंदी नित्य,नृत्य करो नर्तक बनो।

हिंदी अतिशय स्तुत्य,सकल लोक की शान यह।।, मिलती सबसे प्रेमवत।।


मुझको हिंदी जान, हिंदी रचनाकार मैं।

यह मेरी पहचान, हिंदी लिख कर जी रहा।।


हिंदी ही सम्मान, परम स्वर्गिक भाषा है।

कर हिंदी का ज्ञान,बनो सुंदर प्रिय मानव।।


हिंदी मेरी जान, बिना इसके मन सूना।

परम सुशील सुजान, यही करती है सब को।।


हिंदी पर है गर्व, यही उन्नत भाषा है।

समझो इसको पर्व, सहज मनाते नित चलो।।


संस्कृति दिव्य महान, हिंदी को ही जानना।

यह भाषा उत्थान, करती रहती आत्म का।।


बोलो हिंदी नित्य,नृत्य करो नर्तक बनो।

हिंदी अतिशय स्तुत्य,सकल लोक की शान यह।।

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1 Comments

Renu

23-Jan-2023 05:00 PM

👍👍🌺

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